हाईकोर्ट ने चरस रखने के दोषी की दो माह की सजा तीन वर्ष के कठोर कारावास में तबदील, 65 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया

हाईकोर्ट ने चरस रखने के दोषी की दो माह की सजा तीन वर्ष के कठोर कारावास में तबदील, 65 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चरस रखने के दोषी को सुनाई गई सजा को बढ़ाया है। न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने सरकार की अपील को स्वीकार करते हुए दो माह की सजा को तीन वर्ष के कठोर कारावास में तबदील किया है। इसके अतिरिक्त अदालत ने आरोपी पर 65 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। अदालत ने आरोपी को जेल में डालने के लिए वारंट जारी करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार ने दोषी फुकुनागा गुन को कम सजा सुनाए जाने को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। एक अप्रैल 2019 को विशेष न्यायाधीश कुल्लू ने दोषी को मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम की धारा 18 और 20 के तहत दो-दो माह की सजा सुनाई थी।

सरकार की अपील पर हाईकोर्ट ने आरोपी को धारा 18 के तहत दो वर्ष और 20 के तहत तीन वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि निचली अदालत ने यह विचार नहीं किया कि आरोपी से चरस जब्त की गई थी। चरस की तस्करी से समाज पर बुरा असर पड़ता है। निचली अदालत ने इस पर भी विचार नहीं किया कि आरोपी के खिलाफ चरस पाए जाने के पुख्ता सुबूत हैं। 4 सितंबर 2016 को कुल्लू पुलिस ने आरोपी से 475 ग्राम चरस बरामद की थी। आरोपी के खिलाफ पुलिस ने मादक मदार्थ निरोधक अधिनियम की धारा 18 और 20 के तहत मामला दर्ज किया था।

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